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तुम जानती होगी कि औरतें शक्की होती हैं।
तो आपको यहां नहीं आना चाहिए..
उस रात वह सो नहीं सकी। अब उसे समझ आया कि क्यों जैकी उसे ऑफिस फोन करने को कहता था और क्यों काम टाल देता था।
हद हो गई! ये किट्टी मुझ पर शक करती है!
मेरा पति नहीं रहा तो..! वह तो मुझे बहन मानती थी। उसका छोटा बेटा बीमार हुआ तो हमने उसकी सेवा की और अब वह मुझे इसका सिला दे रही है..! रात भर मारिया रोती रही। दिल किया कि हैरी के घर जाए और किट्टी को जली-कटी सुनाए।
अगली सुबह वह ऑफिस भी नहीं गई। ऐशले की तसवीर के सामने बैठी रही।
इस सदमे से उबरी भी नहीं थी कि हैरी फिर आ गया। वह गुस्से से बोली, हैरी या तो किट्टी को साथ लाया करो या यहां न आया करो।
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आप मुझे अच्छी लगती हैं..इसलिए देखने चला आता हूं, हैरी धीमे स्वर में बोला।
एक दिन घर पहुंची तो हैरी का पत्र मिला।
प्रिय मारिया,
आप मुझ पर नाराज होती हैं। मैं आपसे कुछ नहीं मांगता, बस दो पल आपके पास बैठकर मन को सुकून मिलता है। आप बीमार होती हैं तो लगता है मुझे बुखार हो गया है। आपका उदास चेहरा देख कर दिल डूबने लगता है। मुझे ज्यादा बातें बनानी नहीं आतीं। मन को समझाता हूं कि अब कभी नहीं आऊंगा, लेकिन कुछ दिन बाद ही आपको देखने को व्याकुल हो जाता हूं। पैर आपके घर की ओर मुडने लगते हैं..।
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मारिया ने पत्र को कई बार पढा। समझ नहीं आ रहा था कि क्या प्रतिक्रिया करे। वह हैरी के बारे में सोचने लगी। देखने में ठीक-ठाक है, लेकिन उसके मन में हैरी के लिए कोई एहसास ही नहीं है। शायद उसे हैरी के सामने गुस्से से पेश नहीं आना चाहिए था। वह बुरे दिनों में काम आया था। वह उसे स्वार्थी समझता होगा।
..एकाएक वह फोन पर हैरी का नंबर घुमाने लगी। हेलो का स्वर आते ही उसने रिसीवर रख दिया। हिम्मत नहीं हुई कि बात करे।
अब वह कभी-कभी अकेली सी-बीच पर चली जाती है। समुद्र की लहरों का उठना-गिरना देखती है और ऐशले की बातें याद करती है। वह समुद्र की गहराइयों में अपने मन की गहराइयां तलाशने की कोशिश करती-करती थक कर फिर घर लौट आती है।
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